Saheb Ahsan
Tuesday, March 10, 2009
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे
नींद आती नही और रात गुज़र जाती है
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment